शादी की उस घटना के बाद में पता नही क्यों कमल से दूर दूर ही रहती थी पर उसे चाहती भी थी। और फिर जब कॉलेज का लास्ट दिन आया उस दिन कॉलेज में विदाई पार्टी थी और वो राखी मुझे छेड़े जा रही थी की "लो, कॉलेज भी अब ख़तम हुआ और तुम अभी भी ऐसी ही हो....कोई मजा ही नही ले पायी।"
मैंने उस दिन ब्लैक टॉप और रेड स्कर्ट पहिन रखा था। मेने अपने को शीशे मैं देखा और सोचा, कि क्या आज कमल के साथ फिर कुछ हो सकता है? कुछ डर भी था और उत्सुकता भी.
शादी की उस घटना के बाद में पता नही क्यों कमल से दूर दूर ही रहती थी पर उसे चाहती भी थी। और फिर जब कॉलेज का लास्ट दिन आया उस दिन कॉलेज में विदाई पार्टी थी और वो राखी मुझे छेड़े जा रही थी की "लो, कॉलेज भी अब ख़तम हुआ और तुम अभी भी ऐसी ही हो....कोई मजा ही नही ले पायी।"
मैंने उस दिन ब्लैक टॉप और रेड स्कर्ट पहिन रखा था। मेने अपने को शीशे मैं देखा और सोचा, कि क्या आज कमल के साथ फिर कुछ हो सकता है? कुछ डर भी था और उत्सुकता भी. मैं चाहती थी कि आज कमल मेरे पर पूरी तरह से लट्टू हो जाए इसलिए मेने गले मैं एक सुंदर सा पेंडेंट पहना था जो मेरे बूब्स कि दरारों के ठीक ऊपर टिका हुआ था. मिलती जुलती एअर रिंग्स के साथ पैरों मैं पायल भी थी. पूरे कॉलेज कैम्पस मैं भीड़ भाड़ थी. सभी एक दूसरे को मिल रहे थे और एक दूसरे को फिर से कभी मिलने के लिए बातें कर रहे थे. मैं भी कमल से उसके भविष्य के बारे मैं बातें कर रही थी और बातें करते करते हम भीड़ से एक तरफ़ अलग निकल आए. वो पढाई और क्रिकेट के बारे मैं भी बातें करने लगा. मुझे लग रहा था कि हम दोनों के बीच मैं धीरे धीरे सेक्सुअल टेंशन होने लगी थी. वो भी मेरी नाभि और बूब्स को लगातार घूरे जा रहा था. थोडी देर बाद कमल बोला कि उसे वाशरूम जाना है, मैं भी जाना चाह ही रही थी, तो मैं भी साथ हो ली उसके. वाशरूम कॉलेज मैं अन्दर एक कॉरिडोर मैं था, वहां जाकर हम लोग अपने अपने टॉयलेट मैं चले गए. मैंने अन्दर जाकर शुशु कि और बूब्स को थोड़ा ऐसा सेट किया कि वो थोड़ा बाहर कि और उभार खाने लगे. बाहर आकर मैं उसका वेट करने लगी और जब वो बाहर आ गया तो वापस लौटने लगे. तभी अचानक उसने मेरा हाथ पकड़ा और मेरे कान के पास गाल पर किस कर दिया. मैं सर से लेकर पाँव तक काँप सा गयी. उसने मुझे अपनी और खींचा और मेरे लिप्स पर किस कर दिया. मुझे राखी कि बात याद आ रही थी कि अगर कमल कोशिश करे तो मैं उसे रोकू न !.... मेने भी अपनी बाहें उसके गले मैं लिप्त दी और उसकी आंखों मैं खानक कर देखा, वो मुझे देख रहा था और मेने उसे किस कर दिया....उस से बढ कर जिंदगी मैं कोई सुख नही था. तभी उसका एक हाथ मेरे टॉप कि और बड़ा और ऊपर से ही मेरे दाएं बूब को दबाया. मेने बहुत पतली से ब्रा ही पहनी थी उस दिन, सो वो मेरे स्तन के उभार और गोलाई को अच्छी तरह से महसूस कर पा रहा था. और इस से भी ज्यादा हद जब हो गयी जबकि उसने मेरा बायाँ हाथ पकड़ा और उसकी पेंट पर उस जगह रख दिया जहाँ उसका पेनिस उफान मार रहा था. मैं उसके पेनिस कि हार्डनेस और लम्बाई महसूस करना चाह रही थी. और यह पहली बार था जब मैं उसके पेनिस (लंड) को इतना गंभीरता से ले रही थी.
जब हमने किस कम्प्लीट किया तो हमारी भूंख भी बढ गयी थी. उसने तुंरत बगल वाले क्लास रूम को खोल दिया और हम लोग उस मैं अन्दर आ गए, अन्दर थोड़ा अँधेरा भी था. कॉरिडोर मैं से ही थोडी सी ही रौशनी आ रही थी. हमें कोई भी नही देख सकता था. वो मेरे पीछे आया और इतनी जल्दी मैं था कि बड़ी जल्दी से मेरी टॉप ऊपर करने लगा. उसने पीछे से मेरे बूब्स को थाम लिया और मेरी गर्दन पर किस करने लगा. उसका लंड मेरे पीछे चुभ सा रहा था और वो भी मेरे हिप्स पर अपने पेनिस को दबाये जा रहा था जैसे जैसे हम दोनों किस करते जा रहे थे और वो मेरे बूब्स को रगडे जा रहा था. वो और निर्भीक हो गया क्योंकि मेने उसे बिल्कुल भी नही रोका, सो उसने मेरी ब्रा भी ऊपर कि और कर दी और मेरे उन्नत उरोज बाहर आ गए. मेने उसे तब भी नही रोका और उसने मेरे दोनों स्तन अपने हाथों मैं भर लिए और अपनी उँगलियों के बीच मैं मेरी निप्पलस फंसा ली और उन्हें रगड़ने लगा.
मुझे लगा कि जैसे कमल जानता है कि एक लड़की को सेक्स के लिए कैसे तयार किया जाता है? वो मेरे बूब्स को दबाने और मसलने के साथ साथ मेरे कान, गर्दन और कंधे पर किस भी किए जा रहा था. उसने फिर मुझे अपनी और घुमा लिया और मुझे एक डेस्क पर बिठा दिया और मेरे निप्पलस को अपने मुह में ले लिया. मेरी चूत तो उसी समय पिघलने लगी और मैं पागल हुए जा रही थी. उसका एक हाथ मेरी स्कर्ट के अन्दर चले जा रहा था और अन्दर उसने मेरी जाँघों को महसूस करने लगा. अब एक राज कि बात बताऊँ , मेने टॉयलेट मैं जाने पर अपनी पैंटी उतार ली थी. और वो मेरी चूत पर हाथ फेर रहा था. और जब उस ने मेरी ओवर सेंसिटिव क्लिटोरिस पर मुझे छुआ, मैं एकदम झटका सा महसूस कर गयी. मेरे से अब नही रहा जा रहा था.
अब मैं भी उसके पेनिस को अपने हाथ मैं लेना चाहती थी इसलिए जब वो मेरे बूब्स सक करने मैं व्यस्त था तो मेने उसकी पेंट कि जिप खोल दी और उसके अन्दर हाथ डाल दिया. क्योंकि उसने अन्दर कसी हुयी अंडरवियर पहन रखा था तो मुझे अपने दोनों हाथ इस्तेमाल करने पड़े उसमे से उसके पेनिस को बाहर निकालने में. और अंत में मेने उसे हाथ में पकड़ लिया और बाहर निकाल लिया. वो पूरा उत्तेजित हो चुका था. मेने अनुभव किया कि वो बहुत गरम और पत्थर कि तरह सख्त हो चुका था. करीब सात इंच लंबा और गोलाई में करीब ३ इंच व्यास वाला उसका पेनिस मेरे हाथ में आ गया था. उसकी टिप पर थोड़ा सा पानी सा निकल भी आया था. जिसे मेने अपने अंगूठे से पोंछ दिया.
मेरी आंखों के सामने एक लड़के का भरा पूरा लंड मेरी आंखों के सामने था. मैं सोचने लगी कि यह इतनी बड़ी चीज मेरे छोटे से छेद में कैसे घुस सकता है? कमल भी पूरा उत्तेजना में था क्योंकि उसकी उंगलियाँ मेरी चूत कि लिप्स को बार बार रगडे जा रही थीं. उसने मुझे डेस्क पर से उतर कर के खड़े होने को कहा और जैसे ही मैं डेस्क से उतरी उसने मेरी स्कर्ट को नीचे उतार दिया और मैने भी अपनी टाँगे ऊपर करके मेरी स्कर्ट को पैरों में से निकाल दिया. अब उसने मुझे फिर से किस करना शुरू कर दिया और इस बार उसके हाथ मेरे नंगे हिप्स को महसूस कर रहे थे. और जो भी वो कर रहा था उसी के जवाब में मैं उसके पेनिस को दबा देती थी. उसके बाद वो फिर मेरे बूब्स को चूसने लगा और साथ साथ मेरी चूत को भी रगड़ने लगा. में भी आश्चर्य में थी कि आज मेरी चूत में से पानी ऐसे बह रहा था जैसे कि नल खुला रह गया हो. उसने अपनी दो उँगलियों से मेरी क्लिटोरिस को रगड़ना शुरू कर दिया और धीरे धीर स्पीड बढाने लगा और जैसा कि मैं आपको पहले भी बता चुकी हूँ कि जब मैं ज्यादा उत्तेजित हो जाती हूँ तो मेरी चूत में से पानी बिकुल ऐसे निकलता है जैसे कि शुशु निकल रही हो. और वही हुआ भी, मेरी चूत में से हर दस- पन्दरह सेकेंड्स में बार बार पिचकारी सी निकलती जा रही थी और कमल का पूरा हाथ गीला हो चुका था. वो भी हैरान था यह सब देखकर.
अब तक में उसके लंड को अपने हाथ से ऊपर नीचे करने लगी थी. हम दोनों एक दूसरे को हस्तमैथुन का सुख दे रहे थे. और उस से होने वाली उत्तेजना का सुखद अनुभव कर रहे थे. यह सब कुछ देर तक और चला और मैने अपने चरम तक पहुँच गयी और अंत में ओर्गस्म पर आ गयी, कमल नीचे बैठकर मेरी चूत को चाटना चाहता था पर मैने उसे मना कर दिया तो उसने मेरे को नीचे बिठा कर अपना लंड मेरे मुह में डालने के लिए कहा पर मैने वो भी मना कर दिया. वैसे मैने सपनो में कई बार उसके पेनिस को मुह में लिया था पर अब इतनी हिम्मत नही थी कि उसके पेनिस अपने मुह में लेकर चूसती, पर मैने अपने हाथ में पकड़े उसके लंड को और जोर जोर से हिलाना शुरू कर दिया था. क्योंकि मुझे राखी ने बताया था कि अगर लड़के का एक बार पानी निकल जाए तो वो कुछ देर तक के लिए शांत हो जाते हैं. सो मैने जितना तेज हो सकता था उसके लंड को ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया. और उसकी हालत ख़राब होती जा रही थी, मैने देखा कि उसके साँसे तेज हो गयी थीं और टांगें काप रही थी कि अचानक मैने महसूस किया कि मेरी हाथों कि पकड़ में फंसे उसके लंड में कुछ उफान सा आ रहा है और जब तक में समझती उसने अपना वीर्य कि पहली जबरदस्त पिचकारी मेरे बूब्स पर छोड़ दी. एक....दो ......तीन.....और पूरे नौ दस बार उसने पिचकारी से छोड़ दीं. मेरे बूब्स पर उसका वीर्य बिखरा हुआ था.. उसकी आँखे बंद थी.
मैने अपना पर्स खोला और उसमे से रुमाल निकाल कर अपने बूब्स को साफ़ किया और फिर उसके पेनिस को भी...! फिर मैंने अपनी स्कर्ट पहनी। और ब्रा पहन ही रही थी कि उसने मुझसे मेरी ब्रा एक निशानी के तौर पर रखने के लिए मांग ली. में भी उसे मना नही कर पायी आख़िर बिना किसी नुक्सान के आज उसने मुझे इतना आनंद दिया था.
उसने यह भी कहा कि यह ब्रा उसे हस्तमैथुन करने में भी मदद करेगी जब भो वो मुझे याद करेगा....हम दोनों ने एक दूसरे को किस किया और वापस कॉलेज के ग्राउंड में आ गए जहाँ राखी और मेरी सहेलियां मुझे ढूँढ ही रही थी। कमल और मेरे को साथ देख कर राखी तो समझ ही गयी कि हम कुछ करके ही आ रहे होंगे. कॉलेज प्रोग्राम के पूरे टाइम वो बाहर से ही मेरे से मजे लेता ही रहा.
Saturday, January 17, 2009
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7 comments:
aap sex ke bare mai bahut kuch jan gayi hai, kaya p/z mere boy friend ke sath sex kar sakti ho.
uska 8 inch ka penis hai
aap mairao saeh sax kar sakti ho maira 7"ka hai
a ha ha ha ha ha ha
aap mere chodva ker dekhiye bhoot maza ayega meinaapko kiss bhi karoonga mein bhoot sexy hoon mein aap ke khani pad rha tha to mera penis baar baar khada ho raha tha plese aao sex kare kerna hai to mere email id pe sent kare shan.khan661@gnail.com
thanks you
written this story
your
shan khan
bakwas hai, sab jhut hai
chudai ka poora maza lena chahiye.
sirf hastmaithun kafi nahi hai.
To padhte hi kyu ho? Sari kahaniya jhooth hi hoti hai
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